बेरोजगारी क्या है- मनुष्य जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रत्येक व्यक्ति को एक कार्य (job) की जरूरत होती है, जिससे व्यक्ति को अपने परिवार के भरण-पोषण की समस्या से दो चार नहीं होना पङे। जब व्यक्ति को आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एक निश्चित कार्य नहीं मिल पाता है तो उसे बेरोजगार कहा जाता है। आज भारत में बेरोजगारी सुरसा के मुँह की तरह दिन ब दिन बढ़ती जा रही है । बेरोजगारी के कारण और परिणाम- आज बेरोजगारी जैसी समस्या का मुख्य कारण व्यक्ति ने आधारभूत आवश्यकताओं के अतिरिक्त बाह्य दिखावे (उच्च शिक्षा हेतु निजी स्कूलों में दाखिला, पुत्र-पुत्री के विवाहों में अनावश्यक खर्च) के खर्च अधिक बढ़ा लिए हैं, जिनकी पूर्ति के लिए अधिकाधिक कार्य की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति मांग के अनुरूप नहीं होने के फलस्वरूप बेरोजगारी में वृद्धि होती है। बेरोजगारी बढ़ने पर जनसंख्या का एक बङा भाग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अवैधानिक कृत्यों (चोरी, डकैती, छीना-झपटी, मारपीट, हत्या आदि ) को अंजाम देने तक नहीं चूकते हैं। इन अवैधानिक कृत्यों के परिणामस्वरूप...