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Showing posts from May, 2020

Cruelities with God Kabir

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52_Cruelities_On_GodKabir 👉Sheikh Taki was extremely jealous of Lord Kabir, he tried 52 types of attempts to kill Lord Kabir but his all attempts proved to be unsuccessful every time because no body can kill the Almighty God.      "Sheikh Taki ne zulam guzaare,           Baavan kri badmaashi".

Leelayen Kabir Ji Ki

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MagharLeela_Of_GodKabir 🌻5 June 2020 Kabir Parmeshwar Manifest Day  Everybody was surprised because Lard Kabir left Maghar along with his body and aromatic flowers were found in place of his body under the sheet.

God Kabir comes in all the four Yugas

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    God Kabir comes in all the 4 Yugas 👉05 June Kabir Parmeshwar Manifest Day All the holy scriptures proves that God Kabir comes in all the four yugas. Such as:- 👉 Satsukrit in Satyug 👉Munindra in Treta  👉 Karunamay in Dwapar 👉 Kabir in Kaliyug Because Kabir Saheb can give the detail of all creations correctly because he himself created everything.

Female Foetcide

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कन्या भ्रूण हत्या के कारण:- सृष्टि सृजनकाल से हमारा समाज पुरूष प्रधान रहा है और पुरूषों के अत्याचार को सहते सहते अपने आप को समाज के अनुरूप ढाल लिया है।  पुरुष प्रधान समाज में पुत्र की उत्पत्ति न होने पर वंश विनाश माना जाता है और कन्याओं को पराया धन समझकर उनकी उपेक्षा की जाती रही है।  इस परम्परा के अलावा विवाह में अनावश्यक खर्च (दहेजप्रथा), पुत्री-पक्ष को हीन समझना, अल्प आयु में विधवा हो जाने पर सतिप्रथा जैसा असहनीय दंश आदि कारण है जिससे कन्या भ्रूण की गर्भ में ही हत्या कर दी जाती है।  कन्या भ्रूण हत्या निवारण के प्रयास:- कन्या भ्रूण हत्या को रोकने हेतु समय-समय पर अनेक दण्डनीय कानून बनाकर जैसे जन्म पूर्व भ्रूण जांच, दहेजप्रथा तथा सतिप्रथा को गैरकानूनी घोषित करना, बेटी बचाओ और बेटी पढाओ अभियान, बेटे बेटी को समान अधिकार, बालिका निःशुल्क शिक्षा लागू करना तथा प्रतिभावान बालिकाओं को पुरस्कृत करके समाज की बालिकाओं के प्रति सोच बदलने की कोशिश की है लेकिन यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।  कन्या भ्रूण हत्या निवारण के ठोस उपाय:- आज सरकार के प्रयास भी बौने साबित हो रहे ह

Unemployment - a formidable problem

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बेरोजगारी क्या है- मनुष्य जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रत्येक व्यक्ति को एक कार्य (job) की जरूरत होती है, जिससे व्यक्ति को अपने परिवार के भरण-पोषण की समस्या से दो चार नहीं होना पङे। जब व्यक्ति को आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एक निश्चित कार्य नहीं मिल पाता है तो उसे बेरोजगार कहा जाता है। आज भारत में बेरोजगारी सुरसा के मुँह की तरह दिन ब दिन बढ़ती जा रही है । बेरोजगारी के कारण और परिणाम- आज बेरोजगारी जैसी समस्या का मुख्य कारण व्यक्ति ने आधारभूत आवश्यकताओं के अतिरिक्त बाह्य दिखावे (उच्च शिक्षा हेतु निजी स्कूलों में दाखिला, पुत्र-पुत्री के विवाहों में अनावश्यक खर्च) के खर्च अधिक बढ़ा लिए हैं, जिनकी पूर्ति के लिए अधिकाधिक कार्य की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति मांग के अनुरूप नहीं होने के फलस्वरूप बेरोजगारी में वृद्धि होती है।     बेरोजगारी बढ़ने पर जनसंख्या का एक बङा भाग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अवैधानिक कृत्यों (चोरी, डकैती, छीना-झपटी, मारपीट, हत्या आदि ) को अंजाम देने तक नहीं चूकते हैं। इन अवैधानिक कृत्यों के परिणामस्वरूप नशाखोरी, बलात

मसीहा

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मसीहा के बारे में प्रमाण:- विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणीयों के अनुसार दुनिया का मुक्ति दाता और तारणहार भारत के एक छोटे से गांव में अवतरित हो चूका है, जो सम्पूर्ण विश्व को ऐसे ज्ञान से परिचित करवायेगा जो इससे पहले कभी नहीं सुना होगा।  जयगुरूदेव पंथ मथुरा के तुलसीदासजी महाराज ने भी उस महापुरुष के भारत में अवतरित होने के सम्बन्ध में भविष्यवाणी की है।  अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना टीवी चैनल सांय 7:30 बजे से 

तत्वदर्शी संत

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इस सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर अंत तक की सही सही जानकारी केवल पूर्ण परमात्मा अथवा उनका कृपापात्र संत ही बता सकता है, जिसे आध्यात्मिक भाषा में तत्वदर्शी संत कहा जाता है ।    पवित्र गीताजी के अध्याय 15 श्लोक 1 में उस तत्वदर्शी संत की पहचान बताई गई है।  अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना टीवी चैनल सांय 7:30 बजे से 

कोरोना का आध्यात्मिक शक्ति से निराकरण

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कोरोना होने का क्या कारण है - जब इंसान परमात्मा के संविधान को तोङकर अपने आप को सृष्टि का कर्ता धर्ता मानने लगता है, तब तब विज्ञान के लिए चुनौती बनकर ऐसी वैश्विक महामारी मौत बनकर ताण्डव करती है।  क्या कोरोना का निराकरण संभव है-   जी हाँ, इस सृष्टि का नियम है कि जिसकी उत्पत्ति होती है उसका समापन अवश्य होता है।    हमारा देश भारत विश्व भर में आध्यात्मिकता का केन्द्र रहा है और इतिहास गवाह है कि जब-जब ऐसी वैश्विक आपदा का प्रादुर्भाव हुआ है उससे निपटने के लिए संतों, ऋषियों-मुनियों की सहायता ली गई है।     आज भी जब कोरोना जैसी महामारी वैश्विक आपदा बन चुकी है और विज्ञान के लिए असाध्य हो चूकी है, तो ऐसे समय में भी इस समस्या के निराकरण का सेहरा  भारत के ही सिर बंधेगा।       आवश्यकता है तो केवल विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियों को आत्मसात करने की, जिनमें भारत में अवतरित होने वाले महापुरुष की पुरजोर वकालत हुई है।  एक तरफ देखा जाये तो हमारे सभी पवित्र धर्मग्रन्थ कविर्देव (कबीर साहेब) के पूर्ण परमात्मा होने का प्रमाण दे रहे हैं और उनकी कृपा से असाध्य रोग भी पलभर में छूमन्तर हो ज