PURNIMA FAST (VART)
पूर्णिमा व्रत क्या है- लोक मान्ययताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन वट पूर्णिमा का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 5 जून को मनाया गया। इस व्रत को ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या से आरंभ किया जाता है और ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन पूरा किया जाता है। इस दिन सुहागन महिलाएं वट पूर्णिमा का व्रत रखती हैं और वट यानी बरगद की पूजा करते अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। कहा जाता है कि वट वृक्ष का पूजन और व्रत करके ही सावित्री ने यमराज से अपने पति को वापस पा लिया था। तभी से पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत का विधान प्रचलित हो गया। वट पूर्णिमा का महत्व - मान्यता है कि वट यानी बरगद इकलौता ऐसा वृक्ष है, जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है। इस वृक्ष की पूजा करने से तीनों देवता प्रसन्न होते हैं और मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा करने वाली महिलाओं का सुहाग हमेशा सुरक्षित रहता है और उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है। किवदन्ती के अनुसार इस व्रत से यह भी पता चलता है कि सुहागन स्त्री में कित...
Comments
Post a Comment
आधुनिक समय में मानवता को जांचने।