Inflation
- महंगाई क्या है-
अल्प समय में रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोगी वस्तुओं की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि को महंगाई नाम से जाना जाता है, जो दिन ब दिन बढत ही रहती है। महंगाई को हम कुछ इस प्रकार समझ सकते है जब मूलभूत वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगते है।
पैसो का मूल्य गिरना और दाम बढने को महंगाई कहा जाता है। महंगाई बढते ही कमाई कम हो जाती है और खर्च बढ जाता है। महंगाई के विरोध मे कई बार प्रदर्शन होते है, रैलिया निकलती है और मार्च निकलते है।
- महंगाई बढ़ने के मुख्य कारण-
महंगाई हमारे देश मे एक बड़ी और गंभीर समस्या है, जो सुरसा के मुँह की तरह दिन ब दिन बढती जा रही है । समय के साथ महंगाई और भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश की हालत कुछ ऐसी हो गई है कि अमीर और अमीर होता जा रहा है तथा गरीब और गरीब ।
कई बार पयार्यवण के कारण भी गरीब आती है अगर फसल के समय कोई आपदा आ जाती है और फसल खराब हो जाती है तो उस परिवार का भरण पोषण रूक जाता है।
बात यह नही है कि हमारे देश मे भोजन नही है, बात कुछ यूं है कि काला बाजारी के चलते भी अकसर दामो मे वृद्धि होती है। देश के कुछ अर्थशास्त्रीयो ने इस विषय पर शोध किया है। कुछ ऐसे अहम बिंदुो पर जांच की जिनके कारण महंगाई का बढना तय किया जाता है।
अर्थशास्त्रीया ने कुछ विषयोे पर जांच की जो कुछ इस प्रकार है – दाम कैसे तय होते है, दाम बढने का कारण क्या है, किस प्रकार से समय समय पर उनका आंकलन होना चाहिए।
महंगाई बढने के कारण नौकरी से मिलने वाली रकम से खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है। पिछले एक दशक मे भारत ने और उसकी अर्थव्यवस्था ने बहुत तरक्की की है।
परंतु गरीब व्यक्ति आज भी उन मूलभूत सुविधाओं से वंचित है जो उन्हें मिलनी होती है इसका कारण है महंगाई। हमारे देश मे महंगाई के कई कारण है जैसे कि सरकार का नियंत्रण ना होना, काला बाजारी, प्राकृतिक आपदाएं इत्यादि।
- महंगाई का कारण काला बाजारी-
वस्तुओं की मांग के अनुरूप पूर्ति नहीं होने के कारण भी महंगाई बढ रही है। काला बाजारी भी एक कारण है क्योकि निर्मित वस्तुओं को कम मात्रा मे बाजार मे भेजा जाता है जिसके चलते उसका दाम बढ जाता है।
हमारे देश मे महंगाई और दाम बढाने के लिए काम करने वाली संस्थाए ज्यादा सक्रिय नही है।
- सरकार का पक्ष-
सरकार का दाम बढाने की योजनाओं पर कोई नियंत्रण नही है। सरकार योजनाएं बनाती है । परंतु उन्हे पूर्ण रूप से और अच्छी तरह लागू करने मे असर्मथ होती है। सरकार की तय राशि का फायदा जरूरतमंद और गरीब को नही मिल पाता।
- महंगाई का निराकरण और उपाय-
समय समय पर यह जांच करना जरूरी है कि कोई व्यापारी या फिर कोई अन्य व्यक्ति काला बाजारी या मुनाफाखोरी का काम तो नही कर रहा है। समय समय पर यह सर्वे कराना भी जरूरी है कि बाजार मे किसी वस्तु का दाम कितना है, यह तय मानक से ज्यादा तो नही है। मूल सुविधाओ और अनाज के दाम समय समय पर देखने होगे क्योकि मनुष्य जीवन के लिए अनाज बेहद जरूरी है।
ग्राहक को अपने अधिकारो के बारे मे जानना होगा और अगर कोई दुकानदार ज्यादा दाम मे समान बेच रहा है तो उसके खिलाफ कारवाही करनी होगी। कई बार ऐसे देखा गया है कि उपभोक्ता दुकानदार से समान ज्यादा दाम मे खरीदता है जिससे आने वाले समय मे भी उसे समान आसानी से उपलब्ध हो सके।
इन उपरोक्त उपायों को पूर्णतया सही मायने में तब लोग आत्मसात करेंग जब उनको आत्म और परमात्म ज्ञान होगा। जिससे हर व्यक्ति परमात्मा से डरकर अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा और यह माया के लिए दौङ धूप बंद हो जायेगी।
हर व्यक्ति आवश्यकता के अनुरूप ही कार्य करेगा तथा संचय की प्रवृत्ति पर विराम लगेगा।
ऐसे ही बौद्धिक, आत्मिक और नैतिक मूल्यों को बढ़वा देने हेतु जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज सतलोक आश्रम बरवाला जिला हिसार (हरियाणा) अपने अनुयायियों के साथ प्रयासरत हैं।
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आधुनिक समय में मानवता को जांचने।