Religious Felling

  • धार्मिकता-  
मनुष्य का परमात्मा प्राप्ति के लिए विभिन्न तरीकों से जप, तप और अन्य अनुष्ठान आदि करना, तीर्थाटन, व्रत-उपवास करना, तथा धर्म दान करना, तीर्थ जल में नहाना आदि धार्मिकता है। 
  •  भारत में धार्मिक भावना अधिक क्यों-
भारत युगों युगों से ऋषि मुनियों की तपोभूमि रहा है, जो कालब्रह्म की भक्ति भी शास्त्र अनुकूल करते थे। जिसके कारण परम्परागत रूप से भक्ति मार्ग संचालित है लेकिन समय व्यतीत होने के साथ-साथ शास्त्रों को छोङकर मनमाना आचरण करने लगे और आज यह स्थिति हो चूकी है कि भक्ति साधना को धन दौलत कमाने का जरिया बना लिया है। 

वेदों-कतेबों में भक्ति मार्ग -
पवित्र वेद और कतेब प्रमाण देते हैं कि जब पृथ्वी पर शास्त्र विरूद्ध भक्ति साधना का स्तर अधिक बढ़ जाता है तब परमात्मा स्वयं सशरीर सतगुरु रूप में सतलोक से चलकर आते हैं और अपनी अच्छी आत्माओं को तत्वज्ञान से परिचित करवा कर इस काल जाल से मुक्त करवाते हैं। 


पूर्ण गुरु की पहचान-
हमारे सभी पवित्र धर्मग्रन्थों में पूर्ण संत की पहचान बताई गई है। पवित्र गीताजी के अध्याय 15 श्लोक 1 में पूर्ण गुरु अर्थात तत्वदर्शी संत की पहचान बताई गई है कि संसार रूपी उल्टे अविनाशी पीपल के वृक्ष के सभी विभागों की  अर्थात जङ से लेकर टहनी पत्तों तक की व्याख्या कर देगा वही तत्वदर्शी संत होगा। 
आज सम्पूर्ण विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज हैं जो पवित्र शास्त्रों के अनुसार भक्ति साधना प्रदान कर रहे हैं। 

अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना टीवी चैनल प्रतिदिन सांय 7:30 बजे से

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